Radiation in Pakistan : एक खुफिया विमान, अमेरिका की चिंता, क्या पाकिस्तान में कुछ हुआ है?
https://uplive24.com/did-radiation-in-pakistan-forced-ceasefire/
भारत और पाकिस्तान के बीच जितनी तेजी से समझौता हुआ, उसे लेकर लोगों में तमाम संदेह हैं। पाकिस्तान से यह खबर सोशल मीडिया पर आ रही है कि वहां रेडिएशन लीक (Radiation in Pakistan) हुआ है।
पाकिस्तान में हाल ही में हुए भारत के ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद, सोशल मीडिया पर यह चर्चा जोरों पर है कि पाकिस्तान के किराना हिल्स (Kirana hills) में परमाणु रेडिएशन लीक (Radiation in Pakistan) हुआ है। इस चर्चा को और बल तब मिला जब 11 मई को मिस्र का एक वायुसेना विमान पाकिस्तान के मुर्री जिले में उतरा और कुछ समय बाद ही रवाना हो गया।
कहा जा रहा है कि यह विमान रेडियोधर्मिता को नियंत्रित करने के लिए बोरोन की खेप लेकर आया था। लेकिन क्या वास्तव में किराना हिल्स में रेडिएशन लीक (Radiation in Pakistan) हुआ है? आइए, इस पूरे मामले की गहराई से पड़ताल करते हैं।
भारत ने लिया पहलगाम का बदला
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। इस हमले के जवाब में भारत ने 7 से 10 मई के बीच 'ऑपरेशन सिंदूर' (Operation Sindoor) के तहत पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों और सैन्य अड्डों पर हवाई हमले किए। इनमें नूर खान एयरबेस (Nur Khan Airbase), रफीकी एयरबेस और मुशाफ एयरबेस जैसे महत्वपूर्ण ठिकाने शामिल थे।
भारतीय वायुसेना (IAF) ने बताया कि इन हमलों में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए और पाकिस्तान के सैन्य ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा। हालांकि, भारत ने स्पष्ट किया कि उसका उद्देश्य केवल आतंकवाद को खत्म करना था, न कि पाकिस्तान के साथ युद्ध छेड़ना।
Kirana Hills को लेकर अटकलें
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सरगोधा जिले में स्थित किराना हिल्स एक अत्यंत संवेदनशील सैन्य क्षेत्र है। माना जाता है कि यहां 10 से अधिक भूमिगत सुरंगें हैं, जिनमें पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों (Pakistan Nuclear Weapons) को रखता है।
यह क्षेत्र सरगोधा एयरबेस से लगभग 20 किलोमीटर और खुशाब परमाणु संयंत्र से लगभग 75 किलोमीटर की दूरी पर है। दूसरी ओर, रावलपिंडी में स्थित नूर खान एयरबेस (Nur Khan) को पाकिस्तान के परमाणु कमांड का मुख्य केंद्र माना जाता है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने नूर खान एयरबेस पर हमला किया, जिसके बाद रेडिएशन लीक की अफवाहें फैलने लगीं। रैंड कॉरपोरेशन के रक्षा विश्लेषक और पूर्व सीआईए कर्मचारी डेरेक ग्रॉसमैन ने दावा किया कि भारतीय वायुसेना के हमलों ने नूर खान एयरबेस पर एक परमाणु सुविधा को नुकसान पहुंचाया, जिससे रेडियोधर्मिता का रिसाव हुआ (Radiation in Pakistan)।
पाकिस्तान में रेडिएशन (Radiation in Pakistan) की सच्चाई और मिस्र का विमान
11 मई 2025 को पाकिस्तान के मुरी जिले में मिस्र की वायुसेना का एक ट्रांसपोर्ट विमान उतरा और कुछ ही समय बाद वहां से रवाना हो गया। कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि यह विमान बोरोन की एक खेप लेकर आया था, जो रेडियोधर्मी उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस घटना ने सोशल मीडिया पर रेडिएशन लीक (Radiation in Pakistan) की अटकलों को और तेज कर दिया।
सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने दावा किया कि नूर खान एयरबेस के आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों को उल्टी, सिरदर्द और मितली जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ रहा है।
एक यूजर ने तो यह भी कहा कि पाकिस्तानी सेना ने इलाके से लोगों को निकालना शुरू कर दिया है। हालांकि, इन दावों की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, और पाकिस्तानी सरकार ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है।
हालांकि भारत ने स्पष्ट किया है कि उसने किराना हिल्स पर हमला नहीं किया। भारत ने बार-बार जोर देकर कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत केवल आतंकी ठिकानों और सैन्य अड्डों को निशाना बनाया गया।
अमेरिका की भूमिका और युद्धविराम
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नूर खान एयरबेस पर हमले की खबरों के बाद अमेरिका ने तुरंत हस्तक्षेप किया। अमेरिका को 'चिंताजनक खुफिया जानकारी' मिली थी, जिसके बाद उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से फोन पर बात की।
सीएनएन ने भी सूत्रों के हवाले से बताया कि अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराने में अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा, अमेरिका ने एक रेडिएशन मॉनिटरिंग विमान को क्षेत्र में तैनात किया, जिससे यह संकेत मिलता है कि स्थिति की गंभीरता को लेकर सतर्कता बरती जा रही है।
हालांकि, यह जरूरी नहीं कि इस विमान की तैनाती रेडिएशन लीक (Radiation in Pakistan) की पुष्टि करती हो। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम केवल एक एहतियाती उपाय हो सकता है।
किराना हिल्स का सामरिक महत्व
किराना हिल्स को पाकिस्तान का सबसे महत्वपूर्ण सैन्य क्षेत्र माना जाता है। 1983 से 1990 के बीच अमेरिकी सैटेलाइट्स ने इस क्षेत्र में परमाणु परीक्षण की तैयारियों का पता लगाया था। बाद में अमेरिका के दबाव में पाकिस्तान ने यहां परमाणु परीक्षण रोक दिए, लेकिन माना जाता है कि इस क्षेत्र में चीन से मिली एम-11 मिसाइलों का भंडारण किया जाता है। इसे पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय का हथियार भंडार भी कहा जाता है।
Comments
Post a Comment